मरकज में शामिल तेलंगाना-आंध्र के हजारों लोगों की तलाश तेज, यूपी में 95% लोग ट्रेस, एमपी में 11 क्वारैंटाइन, राजस्थान ने भी लिस्ट मांगी

निजामुद्दीन में तब्लीगी जमात के मरकज में 24 कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद अब यहां आने वाले उन हजारों लोगों की तलाश और उन्हें आइसोलेट करने की मुहिम शुरू हो चुकी है, जो इस धार्मिक आयोजन में शामिल हुए थे। इनमें तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोग भी शामिल हैं। यूपी से मरकज जाने वाले 157 लोगों में से 95% को ट्रेस कर लिया गया है। राजस्थान ने भी उन लोगों की लिस्ट मंगवाई है, जो कार्यक्रम में शामिल हुए थे। हालांकि, राज्य सरकार के पास अभी यह जानकारी नहीं है कि कितने लोग दिल्ली गए थे। दिल्ली पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए धार्मिक सम्मेलन आयोजित किये जाने पर आयोजनकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और मरकज को सील कर दिया है। पुलिस ने वीडियो जारी कर बताया है कि हमने 23 मार्च को ही मरकज के वरिष्ठ लोगों को कार्यक्रम न करने की सलाह दी थी। 


गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा- 21 मार्च तक हजरत निजामुद्दीन मरकज में 1 हजार 746 लोग ठहरे हुए थे। इनमें 216 विदेशी और 1530 भारतीय थे। मरकज के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में 824 विदेशी 21 मार्च तक तब्लीगी गतिविधियों में शामिल थे। राज्यों की पुलिस को देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद 824 विदेशियों की जानकारी दी गई थी, ताकि सभी की मेडिकल स्क्रीनिंग और क्वारैंटाइन के इंतजाम किए जा सकें। 28 मार्च को सभी राज्यों को भारतीय तब्लीगी जमात के लोगों की जानकारी इकठ्ठा करने की सलाह दी गई थी, ताकि उन्हें जांच के बाद क्वारैंटाइन किया जाए।


मरकज में शामिल होने के लिए 2100 विदेशी पहुंचे थे


गृह मंत्रालय ने कहा- इस साल मरकज में शामिल होने के लिए 2100 विदेशी पहुंचे थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, थाइलैंड, नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान के लोग शामिल हैं। आमतौर पर मरकज में पहुंचने वाले विदेशी निजामुद्दीन में बंगलेवाली मस्जिद में अपने पहुंचने की सूचना देते हैं। अब तक मरकज में शामिल होने वाले 2,137 लोगों की पहचान करके उनकी मेडिकल जांच की जा चुकी है। 1339 लोगों को नरेला, सुल्तानपुरी, बक्करवाला, झज्जर और एम्स में क्वारैंटाइन किया गया है। 303 में कोरोना के लक्षण थे, जिन्हें दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराया है।


मध्यप्रदेश: 107 लोग शामिल हुए थे
मध्यप्रदेश से इस मरकज में 107 लोग शामिल हुए थे, इनमें से 36 पुराने भोपाल के रहने वाले हैं। यहां से लौटीं 50 जमातें भोपाल में रुकी थीं। स्वास्थ्य विभाग मरकज में शामिल हुए लोगों की तलाश करके सैंपल ले रहा है। मंगलवार को 11 की पहचान कर उनके सैंपल लिए गए। राज्य सरकार ने यह जिम्मेदारी गृह विभाग को सौंपी है। सीएम शिवराज ने 100 लोगों को क्वारैंटाइन करने के निर्देश दिए।


उत्तर प्रदेश: 95% लोग ट्रेस किए गए
यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा- दिल्ली में हुई तब्लीगी में शामिल होने वाले 157 लोगों में से 95% लोग ट्रेस हो चुके हैं। इसके लिए स्पेशल टीम गठित की गई थी। 19 जिलों को अलर्ट किया गया है। मुख्यमंत्री ने दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मस्जिद में मरकज में शामिल हुए जमातियों को खोजकर क्वारैंटाइन करने का निर्देश दिया है।


राजस्थान: सरकार चुप, लेकिन तैयारियां शुरू
राजस्थान से कितने लोग मरकज में शामिल हुए थे इसकी संख्या नहीं मिल पाई। सरकार की तरफ से भी अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि उन जिलों की लिस्ट मंगाई जा रही है, जहां से लोग मरकज में शामिल हुए थे। प्रशासन को भी निर्देश दिए गए हैं कि मरकज में शामिल लोगों का पता करे।


हैदराबाद के 186 लोग, आंध्र से सैकड़ों शामिल


तेलंगाना और आंध्र प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि इस धार्मिक सम्मेल में भाग ले चुके ज्यादातर लोगों में संक्रमण के लक्षण मिले हैं। पुलिस के मुताबिक, मरकज में शामिल होने वालों में  हैदराबाद के 186 लोग शामिल हैं। इनमें आदिलाबाद के 10, निजामाबाद के 18, मेदक के 26, रंगारेड्डी के 15, महबूबनगर के 25, नलगोंडा के 21, खम्मम के 15, वरंगल के 25, करीमनगर के 17, भैंसा के 11 और निर्मल के 11 लोग शामिल हैं जबकि आंध्र प्रदेश के भी सैकड़ों लोग इस आयोजन का हिस्सा बने थे।


20 राज्यों में संक्रमण का खतरा


मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच हुए कार्यक्रम में देश-विदेश के 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। लेकिन, इसके बाद भी करीब 2000 लोग यहां रुके रहे जबकि ज्यादातंर लॉकडाउन से पहले अपने घरों को लौट गए। तेलंगाना में इस कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे सबसे ज्यादा छह लोगों की मौत हुई है। यहां से संक्रमण का कनेक्शन दिल्ली समेत 20 राज्यों से जुड़ रहा है। इनमें तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, असम, उत्तरप्रदेश, तेलंगाना, पुडुचेरी, कर्नाटक, अंडमान निकोबार, आंध्रप्रदेश, श्रीनगर, दिल्ली, ओडिशा, प.बंगाल, हिमाचल, राजस्थान, गुजरात, मेघालय, मणिपुर और छत्तीसगढ़ शामिल है।


मरकज से 1 हजार 548 लोगों को निकाला गया


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- अब तक 1 हजार 548 लोगों को निजामुद्दीन मरकज से बाहर निकला गया है। उनमें से 441 लोगों को बुखार और खांसी जैसे लक्षण मिलने पर अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मरकज के 1 हजार 107 लोगों में लक्षण नहीं मिले हैं, इसलिए इन्हें क्वारैंटाइन में रखा गया है। हमने निजामुद्दीन मरकज मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए उप-राज्यपाल को पत्र लिखा है। उम्मीद है कि वह जल्द ही आदेश देंगे। अगर किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।


राज्यवार स्थिति



  • मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मरकज से लौटे 100 लोगों को क्वारैंटाइन करने के आदेश दिए हैं।

  • पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य से मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए राज्य के लोगों की पड़ताल शुरू कर दी है।

  • हिमाचल प्रदेश: राज्य पुलिस के प्रवक्ता ने कहा- राज्य के 17 लोग निजामुद्दीन के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। सरकार उनके बारे में जरूरी कदम उठाएगी।

  • ओडिशा: ओडिशा से निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए तीन लोगों को सरकार ने क्वारैंटाइन में भेज दिया है। ये लोग हाल ही में दिल्ली से लौटे थे।

  • उत्तर प्रदेश: अधिकारियों ने बताया कि राज्य से 157 लोग शामिल हुए थे। इनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है। 18 जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इन जिलों से बड़ी संख्या में लोग निजामुद्दीन के मरकज में शामिल होने गए थे।

  • तमिलनाडु: तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव बीला राजेश ने कहा- निजामुद्दीन मकरज में शामिल होकर लौटे 50 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। अब राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 124 हो गई। यहां से 1500 लोग मरकज में शामिल होने गए थे। इनमें से 1130 लौट आए, जबकि बाकी दिल्ली में ही रुके हैं। लौटने वाले 1130 लोगों में से अब तक अलग-अलग जिलों के 515 लोगों की जानकारी मिल पाई है।

  • महाराष्ट्र: स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र से मकरज में शामिल होने गए लोगों की तलाश की जा रही है। राज्य के सभी जिलों में इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है।

  • असम: राज्य के 299 लोग मकरज में शामिल हुए थे। सरकार इनकी जांच कराएगी।

  • गुजरात: पुलिस के मुताबिक राज्य के 76 लोग मकरज में शामिल हुए थे। इनकी जांच कराई जाएगी।

  • दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- अब तक 1 हजार 548 लोगों को निजामुद्दीन मरकज से बाहर निकला गया है। उनमें से 441 लोगों को बुखार और खांसी जैसे लक्षण मिलने पर अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

  • राजस्थान: सरकार फिलहाल राज्य के उन लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है, जो मकरज में शामिल होकर लौटे हैं। इन लोगों के संपर्क की पड़ताल भी की जाएगी।

  • पुडुचेरी: मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने कहा कि पुडुचेरी से कुल छह नागरिक इस कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। इनमें से पांच लोगों को आइसोलेशन में रखकर उनकी निगरानी की जा रही है। इनकी जांचें भी कराई जाएंगी।

  • अंडमान निकोबार: निजामुद्दीन के मकरज में शामिल होकर लौटे 10 लोग पॉजिटिव पाए गए। इन सभी का इलाज जारी है।

  • जम्मू-कश्मीर: करीब 100 लोगों ने मकरज में हिस्सा लिया था। इनमें से एक व्यक्ति श्रीनगर से था। उसकी मौत हो गई।

  • कर्नाटक: राज्य के ज्यादातर जिलों से लोगों ने दिल्ली में तब्लीगी जमात कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। बेंगलुरु के 24 लोग हैं। 54 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया है। आठ लोग बिदार से हैं। इनमें से एक पॉजिटिव है। उसे आइसोलेशन में रखा गया है।

  • आंध्र प्रदेश: राज्य के कुल 16 लोगों को निजामुद्दीन मकरज में हिस्सा लेने के बाद क्वारैंटाइन कर दिया गया है। इनमें कृष्णा जिले के रहने वाला एक व्यक्ति भी शामिल है।

  • तेलंगाना: मकरज से लौटे राज्य के छह लोगों की मौत हो गई है। इनमें से दो की गांधी अस्पताल में मौत हुई। अपोलो अस्पताल, ग्लोबल अस्पताल, निजामबाद और गढ़वाल अस्पताल में एक-एक की जान गई।

  • मेघालय: शिलॉन्ग के सात नागरिक मकरज में शामिल होने गए थे। ये अभी वापस नहीं लौटे हैं। पांच दिल्ली में हैं, जबकि दो लखनऊ में मौजूद हैं।

  • छत्तीसगढ़: राज्य के 101 लोगों ने निजामुद्दीन की मकरज में हिस्सा लिया था। इन सभी को क्वारैंटाइन कर दिया गया है।

  • मणिपुर: सरकार ने मकरज में शामिल हुए राज्य के सभी लोगों की जांच कराने की बात कही है। केंद्र सरकार से ऐसे लोगों की सूची मिली थी। इन लोगों को निजामुद्दीन के मोबाइल फोन टॉवर से ट्रेस किया गया।


पूरे मामले को ऐसे समझिए


1. मरकज बिल्डिंग: इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र 
निजामुद्दीन का यह मरकज इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र है। यहां कई देशों के लोग आते रहते हैं। यहां तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे। 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। इनमें से 300 से ज्यादा लोगों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है। इन्हें सर्दी, खांसी और जुकाम की शिकायत है।


2. बुजुर्ग को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले गए तो हुआ जमावड़े का खुलासा
दिल्ली की निजामुद्दीन कॉलोनी स्थित तब्लीगी जमात में 14-15 मार्च के बाद से लगातार विदेशियों का आना-जाना लगा था। 100 विदेशियों के अलावा यहां 1900 से ज्यादा लोग मौजूद थे। जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी मरकज प्रमुख ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। इसी बीच, यहां रुके तमिलनाडु के 64 साल के बुजुर्ग को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाना पड़ा था, जहां रविवार को उनकी मौत हो गई। अभी उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आई है।


मौत की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए मरकज में जांच की। यहां एक-एक कमरे में 8-10 लोग ठहरे थे। इनमें से कई को हल्की खांसी और जुकाम की शिकायत भी थी। इतनी तादाद में संदिग्ध मिलने पर प्रशासन ने डीटीसी की बसें लगाकर लोगों को तीन अस्पतालों में पहुंचाया। सोमवार देर शाम तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि मरकज में गए उनके राज्य के 6 लोगों की मौत हो गई है। कश्मीर के सोपोर से यहां पहुंचे एक अन्य 65 साल के बुजुर्ग ने भी पिछले हफ्ते श्रीनगर में कार्डियक अरेस्ट के बाद दम तोड़ दिया था।


3. दूसरे राज्यों में 800 लोग जा चुके हैं, इन्हें खोजा जा रहा है


विदेश से आए लोग यहां काफी समय से रह रहे थे। सोशल डिस्टेंसिंग की तमाम अपीलों के बावजूद यहां हजारों लोग मौजूद थे। पिछले दिनों यहां से करीब 800 लोग बाहर जा चुके हैं। पुलिस इन्हें ढूंढ़ रही है। आशंका जताई जा रही है कि ये लोग अन्य राज्यों में भी पहुंच चुके हैं। यूपी सरकार ने 18 जिलों की पुलिस को इन्हें ढूंढ़ने के आदेश दिए हैं।






दिल्ली की निजामुद्दीन इलाके की मरकज बिल्डिंग की ड्रोन से निगरानी की जा रही 


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